ज़ुल्फ़ें भी सुना है कि संवारा नहीं करते,
अंधेरा हर तरफ और मैं दीपक की तरह जलता रहा।
वो लम्हे याद करता हूँ तो लगते हैं अब जहर से।
जो सूख जाये दरिया तो फिर प्यास भी न रहे,
अगर मोहब्बत से पेश आते तो न जाने क्या होता।
रास्तों की उलझन में था हमसफर भी छोड़ गए।
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं,
बिछड़ के तुझसे हर रास्ता सुनसान रहता है,
तुमको याद रखने में मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ,
बिछड़ के मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।
हुजूर लाज़िमी है महफिलों में बवाल होना,
जर्रे-जर्रे में वो है और कतरे-कतरे में तुम।
मैं जागता हूँ तेरा ख़्वाब देखने के लिए।
रहा मैं वक़्त Love Quotes के भरोसे और वक़्त बदलता रहा,