तू ने किसको आबाद किया मुझे बर्बाद करके।
एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना।
मैंने माना कि नुकसान देह है ये सिगरेट...
जो सूख जाये दरिया तो फिर प्यास भी न रहे,
अगर मोहब्बत से पेश आते तो न जाने क्या होता।
न जाने उससे मिलने का इरादा कैसा लगता है,
उजालों में चिरागों की अहमियत नहीं होती।
बिछड़ के तुझसे हर रास्ता सुनसान रहता है,
तुमको याद रखने में मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ,
जिंदगी के एक झोंके से सारे पन्ने shayari in hindi पलट गए,
हुजूर लाज़िमी है महफिलों में बवाल होना,
सूरज की तरह तेज मुझमें मगर मैं ढलता रहा,
खुदा की तरह चाहने लगे थे उस यार को, वो भी खुदा की तरह हर एक का निकला।
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता,